सिद्धार्थ और तनुजा की मुलाकात
चैप्टर 19
सिद्धार्थ और तनुजा की मुलाकात
अब तक आपने पढ़ा महेंद्र कहता है की वो राहुल को मार दे लेकीन मीरा उसे लेकर भागने लगती है उसकी गोलियां खत्म हो गई थी महेंद्र गोली चला देता है लेकिन गोली मीरा को लग जाती है शौर्य उसे हॉस्पिटल लेकर आता है
अब आगे
रिहान रंधीर के पास आकर पुछता है "डैड प्रिंसीमा कहा है"
रंधीर उसे ओ टि की तरफ इशारा करता है, रिहान की तो सांसे ही अटक जाती है और वो वही घुटने पर बैठ जाता है उसकी आँखों में आंसू थे, वो राहुल को देखता है जो चुप चाप बैठा था रिहान भागकर उसके पास जाता है और उसके कंधे पर हाथ रखता है"
अबिर जब गौरी और रिहान को वहाँ देखता है तो गौरी से पुछता है "तुम दोनों यहाँ कैसे" गौरी बताती है "मिरा का फोन आया था उसने बोला होस्पिटल आने के लिए फिर रंधीर जी ने बताया, रिहान मान नहीं रहा था इसलिए आना पड़ा"
रिहान को अपने पास देख राहुल उसे धक्का दे देता है, रिहान इसके लिए तैयार नहीं था और वो सिधा ज़मीन पर गिरता है ,वो पलट कर राहुल को देखता है राहुल चिल्लाता है "मुझसे दूर रह"
अबिर और रंधीर दोनों रिहान के पास निचे बैठ जाते हैं उन्हें भी उम्मीद नहीं था कि राहुल एसा कुछ करेगा सब राहुल को आश्चर्य से देखने लगते हैं।
राहुल अभी भी बोल रहा था "मत आ मेरे पास, नहीं तो वो तुझे भी मार देगा, मार देगा वो तुझे" अब राहुल रोने लगा था और बोलते जा रहा था वो घुटने पर बैठ गया था"
"वो सही बोलता है, सारे फसाद की जड़ मैं हूँ, तुझे पता है मेरी वजह से हमेशा उन्हें तकलीफ हुइ है, हमेशा मेरी वजह से ,उन्होंने नाम बदल दिया मेरी वजह से ,वो बुड्ढे की तरह रहती है मेरी वजह से, वो उन्हें मारना चाहता है, वो कहता है मेरे कारण दोनों की जान गयी वो सबको मार देगा"
राहुल किसी छोटे बच्चे की तरह रो रहा था उसे एसे रोते देख रिहान उसे गले लगा लेता है उन दोनों को एसे देख सबकी आँखे नम हो गयी थी"
राहुल रिहान से दूर होता है और खड़े होते हुए कहता है "मै खुद को ही मार दुंगा, ना मै रहुंगा ना उन्हें तकलीफ होगी" उसकी बात सुन रिहान कहता है "तु पागल हो गया है क्या बकवास कर रहा है"
राहुल जाने लगता है तभी कौइ उसका हाथ पकड़ लेता है, ये शौर्य था जो कबसे सब देख रहा था राहुल की मरने वाली बात सुन उसे गुस्सा आ जाता है वो उसे अपनी तरफ पलटता है और गुस्से में कहता है "तुम पागल हो तुम्हे क्या लगता है, तुम मर जाओगे तो सब ठीक हो जाएगा हां, तुम्हे बचाने के लिए वो खुद गोली के सामने आ गयी और तुम मरना चाहते हो ,मैंने तुमसे ज्यादा खुदगर्ज बेटा नहीं देखा शेम ओन यु" शौर्य वहाँ से जाकर बैठ जाता है राहुल भी उसके पास जाकर बैठ जाता है वहा अब खामोशी थी"
"रिहान गौरी के पास बैठा था और राहुल शौर्य के पास सब खामोश थे"
"उस खामोशी को चिरते हुए किसी के जुते की आवाज आती है कोई दौड़ता हुआ आ रहा था सबकी नज़र उस तरफ जाती है वहाँ एक करिब 27-28 साल का एक आदमी खड़ा था 6'2 का कद गोरा रंग काली आंखे ब्लैक 3 पीस सूट पहने वो बहुत हैंडसम लग रहा था राहुल उसे देखता है वो उसे पहचान नहीं पा रहा था
"शौर्य उस आदमी को देखकर दंग रह जाता है वो कोई और नहीं सिद्धार्थ था वो किसी से पूछता है तो पता चलता है मीरा ओ टी में है सिद्धार्थ की नज़र शौर्य पर जाति है वो उसके पास बैठ जाता है।
सिद्धार्थ ओ टी की तरफ देखते हुए कहता है "आखिर तुने उसे ढुँढ ही लिया, मानना पड़ेगा आज भी मुझसे ज़्यादा पावरफुल है तु"
शौर्य उसे एक नज़र देखता है फिर सामने देखते हुए कहता है "उस एक दिन में एसा क्या हो गया जो तुम तीनों ने शहर छोड़ दिया"
सिद्धार्थ सामने देखते हुए कहता है "बहुत से राज़ है चैम्पियन लेकिन वो सिर्फ मिरा जानती है" 'फिर दोनों खामोश हो जाते हैं'
"8 घंटे बाद"
डोक्टर बाहर आते है शौर्य पूछता है "कैसी है वो"
सिद्धार्थ भी उसी समय पूछता है "कैसी है वो" डोक्टर "देखिए गोली हमने निकाल दी है, लेकिन उनका खुन बहुत बह गया था हम इंतज़ार कर सकते हैं ,अगर 24 घंटे में उनको होश नहीं आया तो वो कोमा में जा सकती है"
राहुल डोक्टर से कहता है "प्लीज डोक्टर मेरी माँ को बचा लीजिए उनके अलावा मेरा कोई नहीं है"
राहुल की बात सुन सिद्धार्थ उसे आश्चर्य से देखता है , उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था
रिहान हाथ जोड़ते हुए कहता है "डोक्टर प्लीज बचा लीजिए उन्हें हमारे पास बस वही है"
डोक्टर "देखिए जितना मेरे हाथ में था उतना मैंने कर दिया अब आगे उपरवाले की मर्ज़ी"
सिद्धार्थ कुछ देर राहुल को देखता है फिर राहुल के पास आता है और कहता है "वो ठीक हो जाएगी"
गौरी रिहान के पास आती है तो रिहान उससे लिपट के रोने लगता है "रो मत रिहान वो इतनी बुरी नहीं हो सकती है जो अपने बच्चों को छोड़कर चली जाए "
"सब चुप बैठ जाते हैं"
अबिर रिहान को देखते हुए रणधीर के कहता है "अजीब है ना तेरी बिवी उसकी माँ है, लेकिन वो उससे डरता है ,और वो लड़की जो महज 24 साल की है जो रिहान कि कुछ नहीं लगती, उसके लिए वो रो रहा है प्रार्थना कर रहा है"
रंधीर हल्का सा मुस्कुरा देता है "गिता बिवी है ,और वो लड़की औरत होने का सही अर्थ"
कुछ देर बाद रंधीर, अबिर अपने काम से चले जाते हैं गौरी सबके लिए खाना लेने चली जाती है"
"अब होस्पिटल में राहुल, रिहान, सिद्धार्थ और शौर्य थे"
"गौरी ने बहुत कोशिश की लेकिन राहुल और रिहान नहीं गए दो दिन से ना किसी ने खाया था ना सोए थे".
"अगले दिन"
सब बैठे हुए थे सिद्धार्थ किसी से फोन पर बात कर रहा था तभी वहाँ किसी लड़की की आवाज आती है" "राहुल"
राहुल उसकी अवाज सुन उस तरफ बढ़ जाता है और उसके गले लग जाता है उस अवाज़ को सुन सिद्धार्थ अपनी जगह जम जाता है,
तनुजा पूछती है "राहुल मिरा कैसी है" राहुल उसे सब बता देता है ,तनुजा कहती है "जाओ जाकर थोड़ा चाए पि लो, मै हूँ यहाँ" तनुजा के बहुत समझाने पर दोनों चले जाते हैं"
तनुजा की नज़र शौर्य पर पड़ती है जो उसे ही देख रहा था और उसके पिछे एक आदमी खड़ा था जिसकी पिठ दिख रही थी तनुजा को अजिब सा एहसास हो रहा था।
सिद्धार्थ को 10 साल पहले वाली वो रात याद आ जाती है वो अपने आंखों पर चश्मा लगा लेता है और पिछे मुड़ जाता है आज सिद्धार्थ, शौर्य और तनुजा तिनो आमने सामने थे
"क्या होगा अंजाम तीनों की मुलाकात का? और कैसे जानते हैं तीनो एक दूसरे को ? जानने के लिए पढते रहीए मेरी कहानी "एक मां ऐसी भी"
मिलते हैं अगले चैप्टर में तब तक के लिए बाय बाय......
वानी #कहानीकार प्रतियोगिता
Abhilasha Deshpande
13-Aug-2023 10:33 PM
Nice part
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अदिति झा
17-Jul-2023 11:55 AM
Nice 👍🏼
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Gunjan Kamal
17-Jul-2023 01:54 AM
👏👌
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